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View Full Version : कृष्ण बिहारी 'नूर'



  1. नज़र मिला न सके उससे
  2. एक गज़ल उस पे लिखूँ
  3. धुन ये है
  4. अपने होने का सुबूत
  5. ज़िन्दगी से बड़ी सज़ा ही नहीं
  6. वो लब कि जैसे साग़रो-सहबा दिखाई दे
  7. आग है, पानी है, मिट्टी है
  8. बस एक वक़्त का खंजर मेरी तलाश में है
  9. यारो घिर आई शाम चलो मयकदे चलें
  10. तमाम जिस्म ही घायल था, घाव ऐसा था
  11. ये लम्हा ज़ीस्त का बस आख़िरी है और मैं हूँ