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View Full Version : नवाज़ देवबंदी



  1. वो रुलाकर हँस न पाया देर तक
  2. लेके माज़ी को जो हाल आया तो दिल काँप गया
  3. तेरे आने की जब ख़बर महके
  4. साक़िया तेरा इसरार अपनी जगह
  5. सच बोलने के तौर-तरीक़े नहीं रहे
  6. वो अपने घर के दरीचों से झाँकता कम है
  7. ख़ुद को कितना छोटा करना पड़ता है
  8. दिल धड़कता है तो आती हैं सदाएँ तेरी
  9. सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है
  10. कुछ दोस्तों को हमने निभाया बहुत दिनों
  11. मंज़र भला था फिर भी नज़र को बुरा लगा
  12. वहाँ कैसे कोई दिया जले, जहाँ दूर तक हवा न हो
  13. मंज़िल पे न पहुंचे उसे रस्ता नहीं कहते
  14. जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है