- वो रुलाकर हँस न पाया देर तक
- लेके माज़ी को जो हाल आया तो दिल काँप गया
- तेरे आने की जब ख़बर महके
- साक़िया तेरा इसरार अपनी जगह
- सच बोलने के तौर-तरीक़े नहीं रहे
- वो अपने घर के दरीचों से झाँकता कम है
- ख़ुद को कितना छोटा करना पड़ता है
- दिल धड़कता है तो आती हैं सदाएँ तेरी
- सफ़र में मुश्किलें आएँ तो जुर्रत और बढ़ती है
- कुछ दोस्तों को हमने निभाया बहुत दिनों
- मंज़र भला था फिर भी नज़र को बुरा लगा
- वहाँ कैसे कोई दिया जले, जहाँ दूर तक हवा न हो
- मंज़िल पे न पहुंचे उसे रस्ता नहीं कहते
- जलते घर को देखने वालों फूस का छप्पर आपका है