- कुछ दिन तो बसो मेरी आँखों में
- कुछ इश्क़ था कुछ मजबूरी थी, सो मैंने जीवन वार दिया
- मैं किसके नाम लिखूँ, जो अलम गुज़र रहे हैं
- तेरे प्यार में रुसवा होकर जाएँ कहाँ दीवाने लोग
- अजीज़ इतना ही रखो कि जी संभल जाये
- तुम ऐसी मोहब्बत मत करना
- अजीब थी वो अजब तरहां चाहता था मैं
- बना गुलाब तो कांटे चुभा गया इक शख्स
- ख़याल-ओ-ख़्वाब हुए हैं मुहब्बतें कैसी