- सारी बस्ती में ये जादू
- मुझे आई ना जग से लाज
- जब भी चाहें एक नई सूरत बना लेते हैं लोग
- अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझ को
- अंगड़ाई पर अंगड़ाई लेती है रात जुदाई की
- अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
- तुम्हारी अंजुमन से उठ के दीवाने कहाँ जाते
- वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे
- ये मोजज़ा भी मुहब्बत कभी दिखाये मुझे