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> अटल बिहारी वाजपेयी
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अटल बिहारी वाजपेयी
क़दम मिला कर चलना होगा
हरी हरी दूब पर
कौरव कौन, कौन पांडव
दूध में दरार पड़ गई
क्षमा याचना
पुनः चमकेगा दिनकर
अंतरद्वंद्व
जीवन की ढलने लगी साँझ
मौत से ठन गई
मैं न चुप हूँ न गाता हूँ
एक बरस बीत गया
आओ फिर से दिया जलाएँ
अपने ही मन से कुछ बोलें
झुक नहीं सकते
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