यहाँ पर रोचक बात यह है कि विरोधाभास अलंकार के परिप्रेक्ष्य में दी गई व्याख्या 'प्रत्यक्षतः बाहर से विरोध दृष्टिगोचर हो, किन्तु यथार्थ में विरोध न हो'...
सबसे पहले जानते हैं- अलंकार क्या है? काव्य की शोभा बढ़ाने वाले कारक को अलंकार कहते हैं। दूसरे शब्दों में शब्दार्थों द्वारा चमत्कार उत्पन्न करके काव्य...