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superidiotonline
ऊपर दिए गए चित्र के अनुसार 'सर्वकार्यसिद्धि संकटमोचन चिन्ताहरण यंत्र' को एक सफेद कागज पर लाल स्याही से बनाकर लोबान की धूनी देते हुए चाँदी या ताँबे के ताबीज़ में भर लें। ऊपर दिए गए यंत्र में पाठकों की सुविधा के लिए सभी अंकों को अँग्रेज़ी भाषा के अंकों में दर्शाया गया है, किन्तु यंत्र बनाते समय आपको इन अंकों को उर्दू भाषा के अंकों में ही लिखना है। यंत्र लिखते समय ध्यान देने वाली एक बात और है। उर्दू हमेशा दाईं ओर से बाईं ओर लिखी जाती है, न कि हिन्दी और अन्य भाषाओं की तरह बाईं ओर से दाईं ओर। अतः यंत्र में उर्दू के अंकों को लिखते समय दाईं ओर से बाईं ओर ही लिखना चाहिए। अतः यंत्र में सबसे ऊपर वाली पहली पंक्ति के दाईं ओर स्थित पहले खाने में उर्दू के अंको में 7 लिखना चाहिए, फिर उसके बगल में स्थित बीच वाले खाने में उर्दू के अंको में 8 लिखना चाहिए और फिर उसके बगल के खाने में उर्दू के अंको में 6 लिखना चाहिए। इस प्रकार पहली पंक्ति में दाईं से बाईं ओर 786 लिखने के बाद उसके नीचे वाली दूसरी पंक्ति का पहला खाना खाली छोड़कर दाईं से बाईं ओर दूसरे और तीसरे खाने में उर्दू के अंकों में 78 लिखना चाहिए। इसके बाद तीसरी पंक्ति के पहले और दूसरे खाने में दाईं से बाईं ओर उर्दू के अंको में एक बार फिर 78 लिखना चाहिए और तीसरा खाना खाली छोड़ देना चाहिए। इसी प्रकार चौथी और अन्तिम पंक्ति में दाईं से बाईं ओर उर्दू के अंको में 566 लिखना चाहिए। मुस्लिम तंत्र के जानकारों का कहना है कि हर अंक लिखने के बाद यदि एक बार उर्दू मंत्र 'रे जीम ते' का जाप किया जाए तो इस यंत्र की ताक़त दस गुना बढ़ जाती है। काग़ज़ पर बनाए हुए इस यंत्र को तत्काल ताबीज़ में भर कर लोबान की धूनी देते हुए लाल धागे में पिरोकर तीन बार 'सवबम्बा वक्तरा' मंत्रोच्चार करते हुए गले में धारण कर लेना चाहिए।