जब बहुत दिन बीत गए और नारद जी नहीं पधारे तो विष्णु भगवान अत्यन्त विचलित हो गए। उधर नारद जी भी कम विचलित नहीं थे। वे भी यह जानने के लिए अत्यन्त इच्छुक...
इन्द्रप्रस्थ की मायावी संरचना देखकर दुर्योधन हैरान रह गया। उसने हस्तिनापुर में इतना अद्भुत वास्तुशिल्प कहीं नहीं देखा था। यह महल ‘मायाजाल’ से बना था...